ठुमक ठुमक कर गोलू मोलू, मेरे मन को मोहता जाए
सांवला रंग तीखे नैना, कानो में कुण्डल सजाये
मनमोहक मुस्कान उसकी, माथे पर तिलक लगाये
मटक मटक कर नाचे कान्हा, यशोदा मां को खुब हसाये
माखन मिश्री प्यारे उसको, चोरी कर कर खाए खिलाये
शिशु अवस्था में पुतना मारि, मुख में तीनो लोक दिखाये
सारे जगत का तू स्वामी, कालिया नाग को मार बहाये
बंसी की धुन पर मोहित गोपिया, राधा संग वो रास रचाए
कंस मामा की मंशा को जाने, पाप कर्मों से मुक्ति दिलाए
स्वामी होकर सारथि बना जब, सब संसार को गीता ज्ञान दिलाये
ठुमक ठुमक कर नाचे कन्हैया, मेरा मन हर्षित होता जाए
नहीं चाहिए धन और दौलत, कान्हा तेरी भक्ति मिल जाए
लड्डू गोपाल घर में विराजे, मन मेरा मोहित होता जाए
ठुमक ठुमक कर गोलू मोलू, मेरे मन को मोहता जाए
Very beautiful post
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अद्भुत
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Atisunder
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Worth reading 😀
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Beautiful words
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