
कुछ पंकतियां हिंदी दिवस पर :-
माँ ने पाला, माँ ने पोसा, हाथ पकड कर चलना सीखाया
बड़ा हुआ पढ़ोसन लगी प्यारी, उससे मिलकर रोब जो आया
आधुनिक बनने के चक्कर में, उसने माँ से पीछा छुडाया
पढ़ोसन के पिज्जा बर्गर के आगे, लगे घर का खाना पराया
ज्ञान शिखर वो मातृ छाया, लगे पुत्र को अब अपमान
आंख फिराए आँखों का तारा, जैसे कोई खंडित सामान
माँ इंतजार करे, कब बेटा आये, करे मुझसे 2 बात
आधुनिक बेटा पहने कोट पेंट अब, दिखाये सूती धोती को औकात
किंतू बेटा असूलो का पक्का, पक्की उसकी याददाश्त
मार्त दिवस वाले दिन, एक संदेश तो आया था मां के पास
बस इतना सा ही रिश्ता अब रह गया
मातृ दिवस वाले दिन की बधाई भी अग्रेषित संदेश से कह गया
यही हाल हम सबका है, दिखाये हिंदी को रोज़ उसकी औकात
हिंदी दिवस वाले दिन हम भी बस कर देते एक संदेश पास
विडंबना : रचना का शब्दकोश अंग्रेजी में
संदेश – whatsapp message
अग्रेषित संदेश – forwarded message