मैं भी रोया था उनसे मिलकर बहुत
वो मिल रहे थे बिछड़ने के लिऐ
न ढूंढने की कसम देकर
वो जा रहे थे जिंदगी भर के लिऐ
वो खत भी जलवा गए थे जाते जाते
जिसमे वादे किए थे उम्र भर के लिऐ
वो तेरा, वो मेरा, वो हमारा अब सब किसका है?
वो सब संजोया था किसके लिए
वक्त की आग ही ठंडक दे सके तो दे
फूंक गया मुसाफिर चलते चलते
आशियाना सजाया था जिसके लिए

wah…
LikeLike