मेरा दुख लिखो तो जानूंगी
तुम्हारी कलम क्या कह सकेगी मुझे
बताती है जो अपने खुदगर्ज ख्याल
मुझे बता सको तो मानूंगी
आज दिल कुछ ज्यादा धड़क रहा है
लगता है फिर से प्यार उमड़ रहा है
हम तो सुनते थे बस एकबार होता है
क्या वो फिर से मेरी गली से गुजर रहा है?
टकरा गए उनसे कई बार अचांचक
ऐ खुदा तू भी क्यों अब एहसान कर रहा है?