
वो छोटी सी प्यारी सी लाडो से पाली
दुनिया से बचाकर बहुत संभाली
आंखों का लालच, जुबान का रस
संभाला तुझे प्यार से उम्र भर
झांकती वो बाहर गाहे बगाहे
ना समझती जमाना बैठा आंखे गड़ाये
तुझे पालने की रईसी अलग है
तेरे पीछे चलने की शान कड़क है
तू हर कपड़े को नई शेप है देती
स्वामी से कुछ इंच आगे ही रहती
तू वैभव संपदा का सच दर्शाती
तू गरीब मजदूर के पास कभी न जाती
प्रशाद समझ कर जो सब कुछ खाते
वही तेरा फैलाव अनुभव कर पाते
T shirt के नीचे से जब तू झांके
बटन तोड़ कर जब तू बाहर ताके
तब भूखा कमजोर वर्ग तुझसे बहुत चीड़ता
तोंद बढ़ाना नहीं है सबके बस का