खिलती सुनहरी धूप से कहता है उदास मन
या तो उदासी मेरी दूर कर या अपना रंग बदल
आज छांव छीनूंगा सूरज की
आज धूप के धरती पर पांव जलेंगे
आज सूरज की परछाईं दिखेगी
आज उजाले थोड़े मध्यम निकलेंगे
गर्मी की धूप सबको सताती है
पर देखो
खुद गर्मी से बचने के लिए
मेरे AC कमरे में
धूप खिड़की में से छूप करके आती है