वो छोटी सी प्यारी सी लाडो से पाली दुनिया से बचाकर बहुत संभाली आंखों का लालच, जुबान का रस संभाला तुझे प्यार से उम्र भर झांकती वो बाहर गाहे बगाहे ना समझती जमाना बैठा आंखे गड़ाये तुझे पालने की रईसी अलग है तेरे पीछे चलने की शान कड़क है तू हर कपड़े को नई शेप है देती स्वामी से कुछ इंच आगे ही रहती तू वैभव संपदा का सच दर्शाती तू गरीब मजदूर के पास कभी न जाती प्रशाद समझ कर जो सब कुछ खाते वही तेरा फैलाव अनुभव कर पाते T shirt के नीचे से जब तू झांके बटन तोड़ कर जब तू बाहर ताके तब भूखा कमजोर वर्ग तुझसे बहुत चीड़ता तोंद बढ़ाना नहीं है सबके बस का
मेरा दुख लिखो तो जानूंगी तुम्हारी कलम क्या कह सकेगी मुझे बताती है जो अपने खुदगर्ज ख्याल मुझे बता सको तो मानूंगी
आज दिल कुछ ज्यादा धड़क रहा है लगता है फिर से प्यार उमड़ रहा है हम तो सुनते थे बस एकबार होता है क्या वो फिर से मेरी गली से गुजर रहा है? टकरा गए उनसे कई बार अचांचक ऐ खुदा तू भी क्यों अब एहसान कर रहा है?
दरवाजे खुले रखे है तेरे आने के लिए बहुत कुछ बचा रखा है लुटाने के लिए पुराने खत, वो रूमाल और तस्वीरें छोड़ जाना कुछ बहाना तो बचे तेरे लोट कर आने के लिए चलो वो भी ले जाना, खत्म करो ये किस्सा क्यों छोड़े अब कुछ और फिर पछताने के लिए
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माना की अब हम दोस्त नहीं फिर भी क्या ये बात बता पाओगे? कैसे भूले तुम वो हमारी बाते क्या मुझे भी सीखा पाओगे?
कोई दर्द नहीं है, कोई मिठास भी नहीं है बस खोखला पन है, और कोई आस भी नहीं है
ये खालीपन जिससे भरूं, क्या वो मलबा दिला पाओगे? भूलने नही देती ये ठंडी हवा, क्या इसे थोड़ा रोक पाओगे?
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तुम तो उस सपने में थी ना फिर बाहर कैसे आ गई सुनो मैं डरपोक हूं साजन कुछ कह न पाऊंगा तुम जाओ सपनो में ही रहो मैं फिर मिलने आऊंगा
वो काफी हाउस की पीछे की कुर्सी वो बालो से खेलती पागल सी लड़की लंबी सी गोरी सी अख्खड़ सी लड़की वो बिन बात के हस्ती लड़ती सी लड़की वो इंग्लिश के लहजे में हिंदी सी लड़की वो उड़ती फुदकती कबूतर सी लड़की वो गहरे ख्यालों में उलझी सी लड़की वो गर्मी की धूप में कुल्फी सी लड़की वो सर्दी में चाय की चुस्की सी लड़की वो मैगी नूडल्स के बालो सी लड़की वो मेरे उलझे जवाबो के सवालों सी लड़की वो मेरी लीग से परे की सी लड़की वो अधूरी चाहत की पूरी सी लड़की कल फिर आऊंगा इसी कॉफी हाउस में फिर देखूंगा वो परी सी लड़की
My views on Ukrain Russia war and reaction of rest of the world
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खोखलापन फिर नजर आया उस पहलवान का देख दंगल परिचय दिया फिर से कायरता का ना हो सका उससे फैसला डूबते दोस्त की जान का
कुछ अमीरों ने बनाया भेड़िया संगठन अपना शांति के नाम पर तमाशा देखा कत्लेआम का चुल्लू भर पानी मिले तो डूब जाओ महारथियों UN, NATO न है न था किसी काम का
सबने लताड़ा बातो में दुर्योधन को बेशक धर्म युद्ध में साथ खडे न हो तो लताड़ना किस काम काम डटा राजा युद्ध में करता निडर कर्म आज भी नकार दिया सौदा भागने का अमेरिकीस्तान का
तेरा युद्ध तू है योद्धा निकाल अस्त्र ओर आगे बड़ प्रजा ने बीड़ा उठाया आज अपने सम्मान का मरना तो सबका है निश्चित क्यूं ना वीरगति प्राप्त हो अजर अमर होने चला हर वीर यूक्रेनीस्तान का
समय बना शिक्षक समझाता संतुलन नियम दुनिया को खुद को बडा कर, वज्र से भी कठोर कर अपनी भुजा तेरी शक्ति ही तेरा कवच, बाकी सब भ्रम है इंसान का
आसमान बदल लिया मैने और ऊंची उड़ान भरने को पंख नए कर लिए मैने तारों को छूना है एकदिन यकीनन इसलिए, बादलों में घर कर लिया मैने
नए बादल, नए पंछी और ये सर्द हवा नीले घोड़ों पर सफर करने का मन कर लिया मैने पुराने बादल ने सिखाया ऊंचा उड़ना इतना एक छलांग में नया आसमान अपना कर लिया मैने
पूछते हो बुलबुलों का पता हवा से वो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे
एक वहम और टूटा तेरा जाना अच्छा तो नही लगा पर एक झूठा और छूटा
तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दो तुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो
अब तो ऐसी आदत पड़ गई है अकेले रहने की खुद ही पानी पीते है खुद ही को लोरी सुनाते है साहब अपने ही सिर को थपथपाते है प्यार से खुद ही को बाहों में भर कर सो जाते है जनाब
वो मुकदमा था मेरा अदालत थी तेरी वो कत्ल था मेरा वकालत थी तेरी वो तेरी अदालत और कातिल भी तू है चलो लिया गुनाह अपने कत्ल का अपने ही सिर पे तू बस सजा बता हमे सब मंजूर है
बहूतो ने काटा बहुतों ने मिर्ची लगाई है ऐसे थोड़ी ना हम चिड़चिड़े हो गए देख कर भी पास से निकल गए ऐसे कैसे बिछोड़े हो गए तुम्हारी तारीफ में भी तुम्हे अब नसीहत दिखती है इतने कैसे तुम नकचढ़े हो गए गजब दोस्ती थी हमारी जब हम एक जितने थे फिर तुम ज्यादा बड़े हो गए
आपको हक है सजा चाहे जो देदो वजह पूछने का हक तो हम भी रखते है