वो काफी हाउस की पीछे की कुर्सी
वो बालो से खेलती पागल सी लड़की
लंबी सी गोरी सी अख्खड़ सी लड़की
वो बिन बात के हस्ती लड़ती सी लड़की
वो इंग्लिश के लहजे में हिंदी सी लड़की
वो उड़ती फुदकती कबूतर सी लड़की
वो गहरे ख्यालों में उलझी सी लड़की
वो गर्मी की धूप में कुल्फी सी लड़की
वो सर्दी में चाय की चुस्की सी लड़की
वो मैगी नूडल्स के बालो सी लड़की
वो मेरे उलझे जवाबो के सवालों सी लड़की
वो मेरी लीग से परे की सी लड़की
वो अधूरी चाहत की पूरी सी लड़की
कल फिर आऊंगा इसी कॉफी हाउस में
फिर देखूंगा वो परी सी लड़की
