छूटी हुई ज़िंदगी

थोड़ी इधर थोड़ी उधर छोड़ता रहा गुजरती हुई जिंदगीइसी उम्मीद में कि जीयेंगे एकदिन फिर कभी पीछे मुड़ना तो अब असंभव सा हो गयाखुद को फिर से जीना एक सपना सा हो गया पहले छोड़ते थे, अब छूट जाता हैआता हुआ हर पल रेत सा फिसल जाता है जो जिया बस उसकी अब यादें साथContinue reading “छूटी हुई ज़िंदगी”

बन्दर बाँट

दो बंदर बनके सिकंदर, अखंड के 2 खंड करवाएदोनो बने मुखिया खंडो के, 1947 को जीत कहायेभेड़ चाल जनता में ऐसी, जनेऊ पगड़ी टोपी भिड़ जाए धर्म के नाम पर देश बांटा, फिर सेकुलरिज्म के गाने गाये जिन्नहरू मैंने नहीं बोलै, फिर भी समझना है जो समझ जाए जनता रानी बड़ी सयानी ,आँख बंद करContinue reading “बन्दर बाँट”

जन्मदिन का तोहफा

न तुम कुछ खरीदो, न मैं कुछ खरीदूं आँखों में शर्म, जुबान पर मिठास, दिल में वफ़ा दे सको तो दो, यही तोहफा है

लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है

तोड़ तू आलस की जंजीरे, लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है चल उठ बाहर निकल तू देख, स्वागत करता अम्बर भरपूर है जो हूंकार गगन को चीरे, उस ध्वनि का कारक तू है काल के जिसने कान मरोड़े, उसकी निर्भीक विरासत तू है ले पहचान अपनी नियति को, लोक परलोक का शासक तू हैContinue reading “लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है”

Hindi Diwas

कुछ पंकतियां हिंदी दिवस पर :- माँ ने पाला, माँ ने पोसा, हाथ पकड कर चलना सीखायाबड़ा हुआ पढ़ोसन लगी प्यारी, उससे मिलकर रोब जो आया आधुनिक बनने के चक्कर में, उसने माँ से पीछा छुडायापढ़ोसन के पिज्जा बर्गर के आगे, लगे घर का खाना पराया ज्ञान शिखर वो मातृ छाया, लगे पुत्र को अबContinue reading “Hindi Diwas”