Few random lines

कोई खरीदता रहा खुशियां उम्र भरकोई खुद में उतरा और मुक्कमल हो गया मैने कब कहा की मुझे प्यार करोबस ये इजहार ए नफ़रत थोड़ी सी कम मेरे यार करोतुम्हारी मिजाज़ से कुछ बिगड़ता नहीं अब हमाराये सेहत के लिए ठीक नही, कुछ अपना भी ख्याल करो बड़ी मशकत से बनाया था इस दिल कोContinue reading “Few random lines”

धूप

खिलती सुनहरी धूप से कहता है उदास मन या तो उदासी मेरी दूर कर या अपना रंग बदल आज छांव छीनूंगा सूरज कीआज धूप के धरती पर पांव जलेंगेआज सूरज की परछाईं दिखेगीआज उजाले थोड़े मध्यम निकलेंगे गर्मी की धूप सबको सताती हैपर देखो खुद गर्मी से बचने के लिएमेरे AC कमरे में धूप खिड़कीContinue reading “धूप”

अधूरा

ना कली ही रहा ना फूल बन सकाकुछ ऐसे इश्क हमारा फनां हो गयाना इजहार किया ना इंकार कियाफिर भी न जाने ये कैसे बयां हो गयाशाम सुनहरी खिली, पंछी घर को चलेतेरा ख्याल ही हमारा मकां हो गया

सेहत

ये जिम शीम ये वॉक शॉक ये योगा वोगा क्या हैजीने की चाहत में हांफता ये इंसान क्या हैछोले भटूरे छोड़ कर ग्लूटेन फ्री खाने वालोंतुम्हारी जीभ का बचा अब काम क्या हैसबका साथ सबका विकास तो प्रधानमंत्री भी कहते हैजब पेट ही नहीं निकला तो ये विकास क्या है

वक्त

थक गया वक्त तुझसे मैअब तुम मिलने कल आनाजा सो जा अपने घर जाकर तू भीना करना कोई भी बहानाकल करूंगा तेरा इंतजार मैं भीअभी अकेला रहने देदो घड़ी तू भी सांस ले लेमुझको भी तू ठहरने दे

अधूरा कलाम

एक कलाम और लिखो, शब्द चुराने है एक तान और छेड़ो, चुनने तराने हैचुप ना बैठा करो बसतुम बस सपने देखो, मैने वो अपने बनाने हैतुम्हारे कलाम और मेरे ख्याल, एक जैसे हैतुम्हारी सोच और मेरी बात, एक जैसे हैहाय हैलो क्या हाल और इधर उधर की कोई बात, और उनके पीछे जज्बात, एक जैसेContinue reading “अधूरा कलाम”

बेखबर

सरकते रेत से हर पलसंजोता छननी से हर कणन रुकता कोई भी आ करसमझाता खुद को अकेला पाकरनकल करता कुछ दिखने कीढूंढता खुद अपनी असलकहां जाए किसे ढूंढेहम तो खुदी से बेखबर

गुम चुप

चुप हम भी चुप तुम भीचुप है ये तन्हाईयांनजर भी चुप हैअधर भी चुप हैखामोश है परछाईंयाआस भी गुम हैतलाश भी गुम हैगुम है सब पास भीखुद भी गुम हैबेखूद भी गुम हैगुम है एहसास भी

दीवाली प्रार्थना

दीवाली पार्थनाहे राम दीप अब प्रज्वलित होकरो उजाला जग भर मेंहर कोने कोने में, हर तन मन मेंहर रग रग में, हर पल पल मेंदिखाए रोशनी अब दुनिया को, चमके भारत ऐसा जग भर मेंस्वास्थ्य वैभव सब को मिले, रहो आप सबके मन मेंहे दिव्य पुरुष अब आ जाओकरो रामराज अब इस जग मेंहे आदिपुरुष,Continue reading “दीवाली प्रार्थना”

स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी

आजादी की छुट्टी मनाने वालो – बहुत से मरने वालों ने ये बीड़ा उठाया था, हमारे आज के लिए अपना कल गवाया था गद्दारो ने हमेशा ही हमारी पीठ छिली थी, दुश्मन का लोहा हमने छाती पे खाया था वो भी सो सकते थे अपनी मां के आंचल में, भारत माँ की पुकार को उन्होनेंContinue reading स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी”