दूरियां

मैं भी रोया था उनसे मिलकर बहुतवो मिल रहे थे बिछड़ने के लिऐन ढूंढने की कसम देकरवो जा रहे थे जिंदगी भर के लिऐवो खत भी जलवा गए थे जाते जातेजिसमे वादे किए थे उम्र भर के लिऐ वो तेरा, वो मेरा, वो हमारा अब सब किसका है?वो सब संजोया था किसके लिएवक्त की आगContinue reading “दूरियां”

गजल तुम पर

ये जो पूरा का पूरा अधूरा छोड़ रहे होअनबने रिश्ते तोड रहे होनफरत घोसलो के तिनकों से है गरतो सिर्फ तिनका निकालो, घोसला क्यों तोड रहे हो जो मिला ही नहीं वो छोड़ दियाअंगूर खट्टे है आखिर बोल ही दियाहर बात में नुक्स देखने का हुनरक्या तुमने भी आइना तोड़ दिया खामोशी से देखता हूंContinue reading “गजल तुम पर”