आज इसने फिर से ‘ना’ सुना है

‘आज’ फिर गुजरने लगा है’कल’ जैसा लगने लगा है’सन्नाटा’ चीख रहा है’स्याह’ आंख मींच रहा है’बेताबी’ थक रही है’खामोशी’ कुछ बक रही हैहर कोना मोन है’आइना’ पूछे तु कौन हैअधर सिर्फ थिरक रहा हैजवाब फिर उलझ रहा हैदिल कहीं छुप गया हैआज इसने फिर से ‘ना’ सुना हैइजहार जरूरी थोड़ी हैहर चाहत प्यार थोड़ी हैमनContinue reading “आज इसने फिर से ‘ना’ सुना है”

परी सी लड़की

वो काफी हाउस की पीछे की कुर्सीवो बालो से खेलती पागल सी लड़कीलंबी सी गोरी सी अख्खड़ सी लड़कीवो बिन बात के हस्ती लड़ती सी लड़कीवो इंग्लिश के लहजे में हिंदी सी लड़कीवो उड़ती फुदकती कबूतर सी लड़कीवो गहरे ख्यालों में उलझी सी लड़कीवो गर्मी की धूप में कुल्फी सी लड़कीवो सर्दी में चाय कीContinue reading “परी सी लड़की”

कुछ शेर

पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”