कुछ शेर

पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”

तुम्हे रुकना ग्वारा नही था

तुम्हे रोकने की कोशिश तो की थीतुम्हे रुकना ग्वारा नही थातुम्हारे साथ था तो सब अच्छा थामैं भी तब तक आवारा नहीं थाकवर चेहरे पर क्या चढ़ाया था तुमनेक्या वो चेहरा भी तुम्हारा नहीं थामज़ाक तो ऐसे ही करते थे तुमहमारे जज्बात ने भी कुछ बिगाड़ा नहीं थाखेल लो सब तुम्हारे लिए ही आए हैहमारेContinue reading “तुम्हे रुकना ग्वारा नही था”

जुल्म ए जालिम

बहुत खुश हूं तेरे आगोश में ए जालिम, तेरा ये जुल्म इतना लुभाता क्यूं है हिम्मत है तो उतार खंजर सीने में, ये धीरे धीरे चुबाता क्यूं है रोक देता है सांसे तेरा बार बार भड़कना, फिर तू हर बार मुस्कुराता क्यूं हैलगाई है आग तो जलने दे घर सबके, तू बार बार बरसात कराताContinue reading “जुल्म ए जालिम”

Fakeer Bulle Shah – फकीर बुल्ले शाह

ना तू साढ़ा रब, न असी तेरे बन्देजिस जन्नत ते तू मान करदा, जा उस जन्नत विच नी वडदे Naa tu sada rab, Naa assi terebande jis jannat te tu maankarda, ja us jannat vich nivarde