थोड़ी इधर थोड़ी उधर छोड़ता रहा गुजरती हुई जिंदगीइसी उम्मीद में कि जीयेंगे एकदिन फिर कभी पीछे मुड़ना तो अब असंभव सा हो गयाखुद को फिर से जीना एक सपना सा हो गया पहले छोड़ते थे, अब छूट जाता हैआता हुआ हर पल रेत सा फिसल जाता है जो जिया बस उसकी अब यादें साथContinue reading “छूटी हुई ज़िंदगी”
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कुछ शेर
पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”
Khwaab
ऐ ख्वाब कभी दिन मे भी आया करोआंखे भी तो जाने की तु दिखता क्या है निकलते नही जागकर देखे सपनेआंसु पूछते है आंखो मे रड़कता क्या हैं तेरी पलको की झलक जब याद आती हैंमेरी पलको मे फडकता क्या हैं मेरे ख्वाब कभी उनकी नींद मे भी हो आया करवो भी तो जाने हमारा रिश्ताContinue reading “Khwaab”