आज इसने फिर से ‘ना’ सुना है

‘आज’ फिर गुजरने लगा है’कल’ जैसा लगने लगा है’सन्नाटा’ चीख रहा है’स्याह’ आंख मींच रहा है’बेताबी’ थक रही है’खामोशी’ कुछ बक रही हैहर कोना मोन है’आइना’ पूछे तु कौन हैअधर सिर्फ थिरक रहा हैजवाब फिर उलझ रहा हैदिल कहीं छुप गया हैआज इसने फिर से ‘ना’ सुना हैइजहार जरूरी थोड़ी हैहर चाहत प्यार थोड़ी हैमनContinue reading “आज इसने फिर से ‘ना’ सुना है”

कुछ शेर

पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”

Fakeer Bulle Shah – फकीर बुल्ले शाह

ना तू साढ़ा रब, न असी तेरे बन्देजिस जन्नत ते तू मान करदा, जा उस जन्नत विच नी वडदे Naa tu sada rab, Naa assi terebande jis jannat te tu maankarda, ja us jannat vich nivarde