पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”
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करवाचौथ
ए चांद निकल आना आज सुबह सुबह हीक्यों इतने चांदो को है प्यासा रखता क्यों डर नहीं तुझे इन प्यासी आहो कानिकल जल्दी तुझे चांदनी का वास्ता पानी की बूंद भी आज कमाल करती हैवो पी ले तो हम निकले, ना पिए तो उम्रदराज करती है तेरा वादा जान बचाने का सच्चा नही रहाकितने वर्तContinue reading “करवाचौथ”
रावण की अभिलाषा
उछलता कूदता खिलखिलाता रावन लंका आया आँखों में ख़ुशी के आंसू, चेहरा खिलता जाया सब दरबारी हैरान होकर देखे दानव के ओर रावण हॅसे और मुस्कुराये होवे भाव विभोर रावण आया सीता स्वंयवर से लेकर खाली हाथ खुश इतना क्यों है ये भयंकर जाने न कोई बात रावण तो एक स्त्री का स्वामी, वो तोContinue reading “रावण की अभिलाषा”
दिवाली की सफाई
दिवाली की सफाई इस बार मैंने दिल से शुरू की कुछ पुरानी यादे, जो सिर्फ पड़ी थी एक कोने में एक पुराने कीमती शो पीस की तरहबाहर फेंकने की उसको, इस बार हिम्मत की कड़वे अनुभवों के लटकते मकडी जाले जो हर ख्याल को छू जाते थे, हटा दिए मैंने ये मुश्किल हिमाकत की अपेक्षाओंContinue reading “दिवाली की सफाई”