कुछ शेर

पूछते हो बुलबुलों का पता हवा सेवो बता भी दे तो कहां पहचान पाओगे एक वहम और टूटातेरा जाना अच्छा तो नही लगापर एक झूठा और छूटा तुम इधर हो उधर हो या कहां हो बता तो दोतुम हवा ही आग हो या धुआं हो समझा तो दो अब तो ऐसी आदत पड़ गई हैContinue reading “कुछ शेर”

आलस्य ज्ञान! Lethargic Wisdom !

हे आलस्य तू भी कितना आलसी है क्या तेरा एक ही ग्राहक है? जब देखो मेरे पास बैठा रहता है पहले तो कभी कभी मेरे पास आता था, अब 24 घंटे यहीं पसरा रहता है — देख मैं तुझे कितना प्यार करता हूँ, तेरी हर बात मानता हूँ तुझे याद है उस दिन जब सुबहContinue reading “आलस्य ज्ञान! Lethargic Wisdom !”