बेखबर

सरकते रेत से हर पलसंजोता छननी से हर कणन रुकता कोई भी आ करसमझाता खुद को अकेला पाकरनकल करता कुछ दिखने कीढूंढता खुद अपनी असलकहां जाए किसे ढूंढेहम तो खुदी से बेखबर

Hindi Diwas

कुछ पंकतियां हिंदी दिवस पर :- माँ ने पाला, माँ ने पोसा, हाथ पकड कर चलना सीखायाबड़ा हुआ पढ़ोसन लगी प्यारी, उससे मिलकर रोब जो आया आधुनिक बनने के चक्कर में, उसने माँ से पीछा छुडायापढ़ोसन के पिज्जा बर्गर के आगे, लगे घर का खाना पराया ज्ञान शिखर वो मातृ छाया, लगे पुत्र को अबContinue reading “Hindi Diwas”