परी सी लड़की

वो काफी हाउस की पीछे की कुर्सीवो बालो से खेलती पागल सी लड़कीलंबी सी गोरी सी अख्खड़ सी लड़कीवो बिन बात के हस्ती लड़ती सी लड़कीवो इंग्लिश के लहजे में हिंदी सी लड़कीवो उड़ती फुदकती कबूतर सी लड़कीवो गहरे ख्यालों में उलझी सी लड़कीवो गर्मी की धूप में कुल्फी सी लड़कीवो सर्दी में चाय कीContinue reading “परी सी लड़की”

Ukrain Russia war

My views on Ukrain Russia war and reaction of rest of the world My views on Ukrain Russia war and reaction of rest of the world — — — — खोखलापन फिर नजर आया उस पहलवान कादेख दंगल परिचय दिया फिर से कायरता काना हो सका उससे फैसला डूबते दोस्त की जान का कुछ अमीरोंContinue reading “Ukrain Russia war”

तुम्हे रुकना ग्वारा नही था

तुम्हे रोकने की कोशिश तो की थीतुम्हे रुकना ग्वारा नही थातुम्हारे साथ था तो सब अच्छा थामैं भी तब तक आवारा नहीं थाकवर चेहरे पर क्या चढ़ाया था तुमनेक्या वो चेहरा भी तुम्हारा नहीं थामज़ाक तो ऐसे ही करते थे तुमहमारे जज्बात ने भी कुछ बिगाड़ा नहीं थाखेल लो सब तुम्हारे लिए ही आए हैहमारेContinue reading “तुम्हे रुकना ग्वारा नही था”

Salute to CDS Bipin Rawat and 12 bravehearts

क्या लिखूं उस गाथा को जो तुम अपने खून से कह गएबड़े खुशनसीब निकले 12 जो वर्दी में अलविदा कह गए आंखे नम है देश की तुम्हारे बलिदान परतड़पी तो वो धरती भी होगी जहां उड़न खटोले ढह गए तुम्हे लेने तो आसमान को भी नीचे आना पड़ाकाल के चक्र पर तुम नई कहानी कहContinue reading “Salute to CDS Bipin Rawat and 12 bravehearts”

Few Lines on my Dentist

चार दांतो पर चौंतीस चक्कर मैंने अब तक लगाएफोर्सेप एक्सप्लोरर लेकर वो दांतो मे घुस जाएसच में मिलने आता रहूंगा दांत चाहे ठीक हो जाएहे देवी, थोड़ी सी कृपा करदो हम भी खाना चबा पाएं —- उसने चेहरा दूर से देखा तो उसे प्यार हो गयातुम अंदर झांकती हो तुम्हारा क्या होगा —- — —मेरेContinue reading “Few Lines on my Dentist”

सरफरोशी की तमन्ना

What a beautiful poem written by Legend Ram Prasad Bismil ! A founding member of Hindustan Republic Association (HRA) and close associate of Legend Bhagat Singh सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है ऐ शहिद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार ले तिरी हिम्मत का चर्चा साहिर ए महफिलContinue reading “सरफरोशी की तमन्ना”

Hindi Diwas

कुछ पंकतियां हिंदी दिवस पर :- माँ ने पाला, माँ ने पोसा, हाथ पकड कर चलना सीखायाबड़ा हुआ पढ़ोसन लगी प्यारी, उससे मिलकर रोब जो आया आधुनिक बनने के चक्कर में, उसने माँ से पीछा छुडायापढ़ोसन के पिज्जा बर्गर के आगे, लगे घर का खाना पराया ज्ञान शिखर वो मातृ छाया, लगे पुत्र को अबContinue reading “Hindi Diwas”