छूटी हुई ज़िंदगी

थोड़ी इधर थोड़ी उधर छोड़ता रहा गुजरती हुई जिंदगीइसी उम्मीद में कि जीयेंगे एकदिन फिर कभी पीछे मुड़ना तो अब असंभव सा हो गयाखुद को फिर से जीना एक सपना सा हो गया पहले छोड़ते थे, अब छूट जाता हैआता हुआ हर पल रेत सा फिसल जाता है जो जिया बस उसकी अब यादें साथContinue reading “छूटी हुई ज़िंदगी”

करवाचौथ

ए चांद निकल आना आज सुबह सुबह हीक्यों इतने चांदो को है प्यासा रखता क्यों डर नहीं तुझे इन प्यासी आहो कानिकल जल्दी तुझे चांदनी का वास्ता पानी की बूंद भी आज कमाल करती हैवो पी ले तो हम निकले, ना पिए तो उम्रदराज करती है तेरा वादा जान बचाने का सच्चा नही रहाकितने वर्तContinue reading “करवाचौथ”