तुम्हे रुकना ग्वारा नही था

तुम्हे रोकने की कोशिश तो की थीतुम्हे रुकना ग्वारा नही थातुम्हारे साथ था तो सब अच्छा थामैं भी तब तक आवारा नहीं थाकवर चेहरे पर क्या चढ़ाया था तुमनेक्या वो चेहरा भी तुम्हारा नहीं थामज़ाक तो ऐसे ही करते थे तुमहमारे जज्बात ने भी कुछ बिगाड़ा नहीं थाखेल लो सब तुम्हारे लिए ही आए हैहमारेContinue reading “तुम्हे रुकना ग्वारा नही था”

कुछ कुछ अधूरा

प्यार तुमने भी किया मैंने भी लियाइज़हार तुमने भी किया मैंने भी कियादुनिया को बताने की हिम्मत न मैंने की न तुमने कीअधूरा रहने का फ़ैसला मैंने भी किया तुमने भी किया कुछ कुछ अधूरा रह जाए तो अच्छा हैसबकुछ न कह पाये तो अच्छा हैकम दिखते है हंजू जब मैं चलता हूंसबको सबकुछ नContinue reading “कुछ कुछ अधूरा”

लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है

तोड़ तू आलस की जंजीरे, लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है चल उठ बाहर निकल तू देख, स्वागत करता अम्बर भरपूर है जो हूंकार गगन को चीरे, उस ध्वनि का कारक तू है काल के जिसने कान मरोड़े, उसकी निर्भीक विरासत तू है ले पहचान अपनी नियति को, लोक परलोक का शासक तू हैContinue reading “लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है”