चांद

हे चांद, तू सच में इतना सुंदर है?या मेकअप करके आता हैसच बता चांदनी को तू किस तरह पटाता है ऐसा कैसे वो तेरे हमेशा आसपास रहती हैक्यूं ऐस लगाता है तू उसके आगोश में सिमटता जाता है ये तुम्हारा प्यार है या चांदनी का शकऐसे कैसे तू अकेला कभी नही निकल पाता है कभीContinue reading “चांद”

करवाचौथ

ए चांद निकल आना आज सुबह सुबह हीक्यों इतने चांदो को है प्यासा रखता क्यों डर नहीं तुझे इन प्यासी आहो कानिकल जल्दी तुझे चांदनी का वास्ता पानी की बूंद भी आज कमाल करती हैवो पी ले तो हम निकले, ना पिए तो उम्रदराज करती है तेरा वादा जान बचाने का सच्चा नही रहाकितने वर्तContinue reading “करवाचौथ”