दूरियां

मैं भी रोया था उनसे मिलकर बहुतवो मिल रहे थे बिछड़ने के लिऐन ढूंढने की कसम देकरवो जा रहे थे जिंदगी भर के लिऐवो खत भी जलवा गए थे जाते जातेजिसमे वादे किए थे उम्र भर के लिऐ वो तेरा, वो मेरा, वो हमारा अब सब किसका है?वो सब संजोया था किसके लिएवक्त की आगContinue reading “दूरियां”