तुम्हे रुकना ग्वारा नही था

तुम्हे रोकने की कोशिश तो की थीतुम्हे रुकना ग्वारा नही थातुम्हारे साथ था तो सब अच्छा थामैं भी तब तक आवारा नहीं थाकवर चेहरे पर क्या चढ़ाया था तुमनेक्या वो चेहरा भी तुम्हारा नहीं थामज़ाक तो ऐसे ही करते थे तुमहमारे जज्बात ने भी कुछ बिगाड़ा नहीं थाखेल लो सब तुम्हारे लिए ही आए हैहमारेContinue reading “तुम्हे रुकना ग्वारा नही था”

ऐ जिंदगी – आजा बात करते है

ऐ जिंदगी, चाय पर मिलेगी आज? आजा बैठ कुछ बात करते है अरसा हुआ तुझसे मिले हुए, आजा आज मिलते है, कुछ तेरी कुछ मेरी बात करते है तुझे देखता हूँ तेज भागते हुए, कहाँ जाती हो? चलती रहती हो हमेशा, थक नहीं जाती हो अगर थक जाओ कभी तो आना मेरे पास, बहुत वक़्तContinue reading “ऐ जिंदगी – आजा बात करते है”

जुल्म ए जालिम

बहुत खुश हूं तेरे आगोश में ए जालिम, तेरा ये जुल्म इतना लुभाता क्यूं है हिम्मत है तो उतार खंजर सीने में, ये धीरे धीरे चुबाता क्यूं है रोक देता है सांसे तेरा बार बार भड़कना, फिर तू हर बार मुस्कुराता क्यूं हैलगाई है आग तो जलने दे घर सबके, तू बार बार बरसात कराताContinue reading “जुल्म ए जालिम”

गजल तुम पर

ये जो पूरा का पूरा अधूरा छोड़ रहे होअनबने रिश्ते तोड रहे होनफरत घोसलो के तिनकों से है गरतो सिर्फ तिनका निकालो, घोसला क्यों तोड रहे हो जो मिला ही नहीं वो छोड़ दियाअंगूर खट्टे है आखिर बोल ही दियाहर बात में नुक्स देखने का हुनरक्या तुमने भी आइना तोड़ दिया खामोशी से देखता हूंContinue reading “गजल तुम पर”

सरफरोशी की तमन्ना

What a beautiful poem written by Legend Ram Prasad Bismil ! A founding member of Hindustan Republic Association (HRA) and close associate of Legend Bhagat Singh सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है ऐ शहिद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार ले तिरी हिम्मत का चर्चा साहिर ए महफिलContinue reading “सरफरोशी की तमन्ना”

रावण की अभिलाषा

उछलता कूदता खिलखिलाता रावन लंका आया आँखों में ख़ुशी के आंसू, चेहरा खिलता जाया सब दरबारी हैरान होकर देखे दानव के ओर रावण हॅसे और मुस्कुराये होवे भाव विभोर रावण आया सीता स्वंयवर से लेकर खाली हाथ खुश इतना क्यों है ये भयंकर जाने न कोई बात रावण तो एक स्त्री का स्वामी, वो तोContinue reading “रावण की अभिलाषा”

जन्मदिन का तोहफा

न तुम कुछ खरीदो, न मैं कुछ खरीदूं आँखों में शर्म, जुबान पर मिठास, दिल में वफ़ा दे सको तो दो, यही तोहफा है

लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है

तोड़ तू आलस की जंजीरे, लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है चल उठ बाहर निकल तू देख, स्वागत करता अम्बर भरपूर है जो हूंकार गगन को चीरे, उस ध्वनि का कारक तू है काल के जिसने कान मरोड़े, उसकी निर्भीक विरासत तू है ले पहचान अपनी नियति को, लोक परलोक का शासक तू हैContinue reading “लक्ष्य तेरा बस इतना सा दूर है”

मेरे तो पर्सनल भगवान्

द्वार खुले, दीप जले, मिलने धरा पर आये, जिनका हूँ मैं अभिमानमेरे पितृ मेरा आधार, मेरे तो पर्सनल भगवान्मेरे रंग रूप, कद काठी सबके निर्णायक तुम होमेरे डीएनए सूत्र के पीढ़ियों से फलदायक तुम होआपका स्नेह सदैव मेरे साथ, हर सदकर्म में सहायक होपितृ दिवस पर मिलने आये, अपनी कृपा बरसाते रहोचींटी पाताल कौआ आकाशContinue reading “मेरे तो पर्सनल भगवान्”

टोमडी साहिब – लुप्त होता प्रसिद्ध तीर्थ

Till 1947, Gujrawalan district of Punjab used to be a famous Hindu pilgrimage place. People used to come to Mandir Tomri Sahib, Baddo-ki Goasain for annual festival of Narsing Chodash and budh purnima (“Mela Yag”) and monthly chodash of every shukla paksha for Jyoti darshan and blessings of Sadguru. During the mela yag occasion, aContinue reading “टोमडी साहिब – लुप्त होता प्रसिद्ध तीर्थ”